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उच्च न्यायालय ने भोले भंडारी चैरिटेबल ट्रस्ट को दिलाया न्याय – पंचतरणी में भंडारा लगाने की अनुमति के आदेश

  • bhagattanya93
  • Jul 23
  • 2 min read

Updated: Jul 24

लुधियाना 23 जुलाई,

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जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख के माननीय उच्च न्यायालय, जम्मू खंडपीठ ने अपने ऐतिहासिक निर्णय 22 जुलाई में भोले भंडारी चैरिटेबल ट्रस्ट (पंजीकृत), लुधियाना द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (SASB) को निर्देश दिया है कि वह ट्रस्ट को श्री अमरनाथजी यात्रा 2025 के लिए पंचतरणी में पारंपरिक लंगर/भंडारा लगाने की अनुमति तुरंत प्रदान करे।

न्यायालय ने यह माना कि ट्रस्ट को इस वर्ष मनमाने और भेदभावपूर्ण तरीके से बाहर कर दिया गया, जबकि ट्रस्ट का 28 वर्षों का निष्कलंक सेवा रिकॉर्ड है और वर्ष 2024 की यात्रा के लिए कैम्प निदेशक द्वारा विधिवत एनओसी भी प्रदान की गई थी। न्यायालय ने यह भी कहा कि इस प्रकार का बहिष्कार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 का उल्लंघन करता है, और यह सेवा (सेवा कार्य) को धार्मिक आस्था का एक अभिन्न हिस्सा मानता है।

न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिया:

"...प्रतिवादीगणों को निर्देशित किया जाता है कि वे याचिकाकर्ता — भोले भंडारी चैरिटेबल ट्रस्ट — के लंबित अनुरोध पर तत्काल विचार करें और श्री अमरनाथजी यात्रा 2025 के शेष दिनों के लिए पंचतरणी में लंगर स्थापित करने की अनुमति प्रदान करें..."

यह निर्णय पारदर्शिता, न्याय और सेवा भावना की एक बड़ी जीत है, जो पवित्र अमरनाथ यात्रा की आत्मा को दर्शाता है।

ट्रस्ट के ट्रस्टी राजन गुप्ता ने कहा:

“हम इस निर्णय से अत्यंत विनम्र और आभारी हैं। माननीय उच्च न्यायालय ने सच्चाई और न्याय को बहाल किया है। भोले भंडारी चैरिटेबल ट्रस्ट बीते लगभग तीन दशकों से निःस्वार्थ भाव से श्रद्धालुओं की सेवा करता आ रहा है और आगे भी करता रहेगा। हम श्राइन बोर्ड से अपील करते हैं कि वह शीघ्र आदेश की पालना करे, ताकि हम पुनः भक्तों की सेवा आरंभ कर सकें।”

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