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मैरिज पैलेसों को लेकर बड़ा खुलासा! करोड़ों के रैवेन्यू को लग रहा चूना

  • bhagattanya93
  • Nov 1
  • 2 min read

01/11/2025

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राज्य के जी.एस.टी. विभाग की नाक के तले अधिकतर मैरेज पैलेस हर साल करोड़ों रुपए की जी.एस.टी. की चोरी कर रहे हैं। इसे पकड़ने के लिए न तो अधिकारियों के पास समय है और न ही वह इस ओर देखना चाहते हैं। वजह, साफ है कि इस काम में छानबीन करने के लिए उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी, क्योंकि वहां मैन्यूफैक्चरिंग नाम की कोई चीज नहीं होती जिससे वह माप सकें कि कितना माल आया और कितना तैयार होकर बाजार में बिका।


यहां तो प्लेटों की गिनती करनी पड़ेगी जिसके लिए अधिकारी देर रात तक अपना कीमती समय नहीं खराब करते। मैरिज पैलेस के मालिकों को सीधा कह दिया जाता है कि वे एक फिक्स कीमत का बिल थोड़ा-बहुत ऊपर नीचे करके काटें। बाकी बिना बिल के ही प्लेटों की बिक्री करें। इसके अलावा उन्हें मैरिज पैलेस का जो किराया लिया जाता है, उसका भी मात्र 20 से 30 प्रतिशत ही बिल काटें। इन सब को मिलाकर लुधियाना का कोई भी मैरिज पैलेस 5 लाख से ज्यादा का बिल नहीं काटता।


अगर मैरिज पैलेस वालों से बात की जाए तो वे कहते हैं कि हम तो सिर्फ पैलेस का किराया चार्ज करते हैं। कैटरिंग कार्यक्रम करने वाला खुद बाहर से करवाता है। यहां बता दे कि पैलेस के किराए पर 18 प्रतशित जी.एस.टी. है और कैटरिंग पर 5 फीसदी। बड़े से बड़ा मैरिज पैलेस जो 15 से 25 लाख रुपए किराया लेता है, वह 5 लाख रुपए के किराए का बिल काटता है। जो पैलेस 5 लाख से 12 लाख तक चार्ज करता है, वह अधिकतम बिल 3 लाख तक ही काटता है। जिससे वे कैटरिंग करवा कर देते हैं, वह कोई बिल नहीं काटता और न ही पैलेस वाले उसे बिल काटने के लिए कहते हैं। इसके अलावा शराब में भी जी.एस.टी. की दबाकर चोरी है।


जिस एरिया में कार्यक्रम होना है, वहां के शराब के ठेकेदार से ही शराब खरीदनी होती है। उसके लिए बाकायदा विभाग की ओर से लाइौंस जारी होता है लेकिन जिस कार्यक्रम में 8 से 10 पेटियां शराब का सेवन किया जाना है वहां नजदीक के ठेकेदार मात्र 2-3 पेटियों का ही बिल देते हैं। बाकी की पेटियां नकद में दे दी जाती है। इसका मुख्य कारण यह है कि बिल पर जो पेटी 10 हजार की मिलती है, वह नकद में 4500 से 5000 रुपए में मिल जाती है। इसमें ठेकेदार को भी काफी फायदा हो जाता है, इसीलिए महानगर में दूसरे राज्यों से लाई गई दो नंबर की शराब की पेटियां हजारों की तादाद पकड़ जाती हैं।

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